Monday, May 4, 2015

उत्कटासन

जमीन पर पैरों के बल बैठ जाइए। दोनों पैरों के पंजों में अंतर रख एड़ी को ऊपर उठाइए। दोनों पैरों के अंगूठों पर जोर दे कर ऐड़ी को अच्छी प्रकार ऊपर उठाइए। अब दोनों ऐड़ियों को आपस में मिलाइए तथा गुदा को उस पर सटा का रखिए। दोनों हाथों की कोहनियों को दोनों घुटनों पर रखिए। दोनों हाथों की उँगलियों को एक दूसरे में फंसा लीजिए। कमर से सिर तक का भाग सीधा रख रखते हुए सामने देखिए।
लाभ:
  • इस आसन के अभ्यास से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
  • भुजाओं में बल तथा चुस्ती आती है।
  • पैरों में इतनी शक्ति आ जाती है कि चलने फिरने में कष्ट नहीं होता है।
  • इस आसन से मस्तिष्क को ताजग़ी मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी को बल मिलता है।
  • पैर और उँगलियों के जोड़ों के दर्द, गठिया आदि रोग दूर होते हैं।
  • पेट के विकारों जैसे-पेट को बढ़ना, अपच, अफारा, कब्ज़  आदि दूर होते हैं तथा भूख खूब लगती है।
  • यह आसन स्त्रियों के लिए भी विशेष लाभदायक है।

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