मोदी सरकार ने पास किया नया कानून फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर्स ऑर्डनैंस
यह अध्यादेश आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट ने इसी साल अप्रैल में अपनी मंजूरी दी है। बता दें कि इससे पहले मार्च में बजट सत्र के दौरान इसे बिल के रूप में लोकसभा में पेश किया था हालांकि गतिरोध के चलते इसे पास नहीं कराया जा सका था। इसी के बाद सरकार ने इसे अध्यादेश के तौर पर लागू करने का फैसला किया। इस अध्यादेश के बाद आर्थिक अपराध करके देश छोड़कर भागने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी।
दरअसल मोदी सरकार की ओर से पारित फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर्स ऑर्डनैंस (आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़ों से जुड़ा अध्यादेश) ने माल्या को भारत आने पर मजबूर कर दिया है। वापस नहीं आने की दशा में यह अध्यादेश अधिकारियों को माल्या की सारी संपत्ति (देश-विदेश चल-अचल) जब्त करने का अधिकार देता है। आइए जानते हैं कि इस कानून के बारे में और माल्या नहीं आए तो उनके साथ आखिर क्या है।
यह अध्यादेश आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट ने इसी साल अप्रैल में अपनी मंजूरी दी है। बता दें कि इससे पहले मार्च में बजट सत्र के दौरान इसे बिल के रूप में लोकसभा में पेश किया था हालांकि गतिरोध के चलते इसे पास नहीं कराया जा सका था। इसी के बाद सरकार ने इसे अध्यादेश के तौर पर लागू करने का फैसला किया। इस अध्यादेश के बाद आर्थिक अपराध करके देश छोड़कर भागने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी।
दरअसल मोदी सरकार की ओर से पारित फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर्स ऑर्डनैंस (आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़ों से जुड़ा अध्यादेश) ने माल्या को भारत आने पर मजबूर कर दिया है। वापस नहीं आने की दशा में यह अध्यादेश अधिकारियों को माल्या की सारी संपत्ति (देश-विदेश चल-अचल) जब्त करने का अधिकार देता है। आइए जानते हैं कि इस कानून के बारे में और माल्या नहीं आए तो उनके साथ आखिर क्या है।
किसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी?अध्यादेश के प्रावधान के मुताबिक, फाइनेंशियल फ्रॉड कर रकम चुकाने से इनकार करने वालों पर इसके तहत कार्रवाई होगी। आर्थिक अपराध में जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो। 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया वाले बैंक लोन डिफॉल्ट का मामला है । ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सभी तरह की संपत्तियां (देश-विदेश चल-अचल) बेचकर भी कर्ज देने वालों की भरपाई की जा सकेगी।
भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई कौन करेगा?
अध्यादेश के प्रावधान के मुताबिक, डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर स्तर का अधिकारी किसी आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकेगा। इसके लिए विशेष अदालत में याचिका देनी होगी। इसमें आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत देने होंगे।
अध्यादेश के प्रावधान के मुताबिक, डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर स्तर का अधिकारी किसी आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकेगा। इसके लिए विशेष अदालत में याचिका देनी होगी। इसमें आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत देने होंगे।
ईडी ने पहली कार्रवाई माल्या के खिलाफ ही की
बता दें कि अप्रैल में इस अध्यादेश के प्रभाव में आने के बाद ईडी ने सबसे पहली कार्रवाई माल्या के खिलाफ ही की। इस साल जून में ईडी ने स्पेशल प्रिवेंशन मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में अर्जी देकर माल्या को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर घोषित करने की मांग की थी। ईडी की याचिका पर मुंबई में भगोड़े कारोबारी को समन भेजकर 27 अगस्त तक पेश होने के लिए कहा था। ईडी की यह याचिका 9 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस से संबंधित थी। इसी के बाद माल्या ने भारत आने की इच्छा जाहिर की।
बता दें कि अप्रैल में इस अध्यादेश के प्रभाव में आने के बाद ईडी ने सबसे पहली कार्रवाई माल्या के खिलाफ ही की। इस साल जून में ईडी ने स्पेशल प्रिवेंशन मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में अर्जी देकर माल्या को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर घोषित करने की मांग की थी। ईडी की याचिका पर मुंबई में भगोड़े कारोबारी को समन भेजकर 27 अगस्त तक पेश होने के लिए कहा था। ईडी की यह याचिका 9 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस से संबंधित थी। इसी के बाद माल्या ने भारत आने की इच्छा जाहिर की।
माल्या के पास 6 हफ्ते का समय
फिलहाल माल्या के पास कोर्ट में पेश होने के लिए 6 हफ्ते का समय है। अध्यादेश के मुताबिक, आवेदन मिलने के बाद स्पेशल कोर्ट आरोपी को 6 हफ्ते के अंदर पेश होने के लिए नोटिस जारी करेगा। अगर आरोपी तय जगह पर पेश हो जाता है तो कोर्ट भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल के तहत कार्रवाई नहीं करेगा। माना जा सकता है कि जब्ती से बचने के लिए माल्या इस अवधि के भीतर ही कोर्ट में पेश हो सकते हैं।
फिलहाल माल्या के पास कोर्ट में पेश होने के लिए 6 हफ्ते का समय है। अध्यादेश के मुताबिक, आवेदन मिलने के बाद स्पेशल कोर्ट आरोपी को 6 हफ्ते के अंदर पेश होने के लिए नोटिस जारी करेगा। अगर आरोपी तय जगह पर पेश हो जाता है तो कोर्ट भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल के तहत कार्रवाई नहीं करेगा। माना जा सकता है कि जब्ती से बचने के लिए माल्या इस अवधि के भीतर ही कोर्ट में पेश हो सकते हैं।
Good
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