पीपल का संस्कृत नाम अश्वत्थ है। यह हिंदुओं का सबसे पूज्य पेड़ माना जाता है। इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहते है। हिंदू दर्शन की मान्यता है इस पेड़ के पत्ते-पत्ते में देवताओं का वास होता है। विशेषकर भगवान विष्णु का। यही कारण है कि श्रीमदभागवत गीता में जब भगवान कृष्ण अपने रूपों के बारे में बताते हैं तो पेड़ों में खुद को पीपल कहते हैं।हिंदू धर्मकोष के अनुसार इस मायामय संसार वृक्ष को अश्वत्थ कहा गया है। ऋगवेद में अश्वत्थ की लकड़ी के बर्तनों का उल्लेख मिलता है। इसकी लकड़ी आग जलाते समय शमी की लकड़ी के ऊपर रखी जाती है। अर्थववेद और छंदोग्य उपनिषद में इस पेड़ के नीचे देवताओं का स्वर्ग बताया गया है। इन्हीं धार्मिक विश्वासों के कारण इसकी पूजा-अर्चना करने व इसके नीचे दीप रखने की परंपरा है।
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