इंसान कब इंसान का ही दुश्मन बन जाता है, पता नहीं चलता। इसलिए समझदारी इसी में है कि हम होशियारी से अपने आसपास के लोगों को चुनें। क्योंकि यह लोग ही हमें सफल बना सकते हैं लेकिन चाहे तो हमारी ज़िंदगी को असफलता की राह पर भी चला सकते हैं।
हमारे रिश्तेदार, दोस्त और अन्य जान-पहचान के लोगों में ऐसे कई लोग होते हैं जिनकी सोच का हमारे ऊपर खासा असर पड़ता है। इन्हें आप निगेटिव सोच वाले लोग कह सकते हैं, जो जब हमारे आसपास भी होते हैं तो कुछ ना कुछ गड़बड़ ज़रूर होती है।
हो सकता है कि इन बातों को पढ़ने के बाद आपके दिमाग में भी ऐसे कुछ लोगों की छवि बन गई होगी जो आपकी सोच को बुरा बनाने में कारगर साबित होते हैं। और शायद आप चाहकर भी उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर पाते, लेकिन समझदारी इसमें ही है कि आप उन्हें छोड़ दें।
क्योंकि एक सफल इंसान वही है जो छोटी सोच वाले लोगों के साथ कोई ताल्लुकात नहीं रखता। चलिए आज हम आपको ऐसी एक लिस्ट से परिचित कराते हैं जिसके अनुसार यदि इन लोगों को आपने अपने साथ रखा तो आप कभी सफल नहीं हो पाएंगे...
आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी, ‘हवा में बातें करना’। यानी कि ठोस तथ्य की कमी होना जिसकी वजह से लोग कुछ भी बोलते चले जाते हैं चाहे उसका कोई स्पष्ट अर्थ बने या ना बने। हमारे आसपास ऐसे कई लोग होते हैं जो अपनी लाइफ की कठिनाइयां बताते हैं, कॅरियर ठीक ट्रैक पर नहीं है, घर में परेशानी है...
लेकिन समस्या किन वजहों से है ये नहीं जानते। क्योंकि उनकी सोच गहराई में छिपे तथ्यों को पकड़ सकने में नाकामयाब हो जाती है। ऐसे लोग अपनी इस निगेटिव सोच की वजह से लाइफ की परिभाषा को ही बदल कर रख देते हैं। खुद तो उन्हें कोई सुझाव दिखाई नहीं देता, बस अपनी लाइफ को कोसते रहते हैं।
इनसे तो वैसे भी कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। जो लोग अपनी लाइफ को लेकर आलसी हो सकते हैं वे किसी काम के नहीं हैं। मेरी निजी सलाह है आप लोगों से कि कभी भी अपनी लाइफ में आलसी लोगों पर निर्भर ना रहें, ये खुद का समय तो बर्बाद करते ही हैं, साथ ही आपका वक्त भी खराब करने से हिचकिचाते नहीं हैं।
आलस्य से भरपूर ऐसे लोग अपनी खुद की ज़िंदगी के लिए एक अभिशाप ही बनकर आते हैं, लेकिन जब ऐसे लोग आपसे मिलते हैं तो यह आपको भी आलसी बनाने में सफल हो जाते हैं। कृपया, ऐसे लोगों से दूर ही रहें!
विद्वान महापुरुषों ने भी कहा है कि ‘एक सफल इंसान वही है जो सादगी को पसंद करता है’। दिखावा करने वाले लोग इसी चकाचौंध में रह जाते हैं और ज़िंदगी की गाड़ी काफी आगे बढ़ जाती है। लेकिन ऐसे लोग केवल अपने लिए नहीं हमारे लिए भी घातक साबित होते हैं।
इनका एक ही मकसद होता है, दूसरों का आकर्षण पाना। और इसके लिए वे हर संभव प्रयास करते हैं जो कि इनकी ओर दूसरों को आकर्षित कर सके। जब ये हमारे आसपास होते हैं तो हमारा सबसे बड़ा नुकसान करते हैं, हमारे समय का नुकसान। इसलिए इनसे दूर ही रहें!
क्या आपके फ्रेंड सर्किल में ऐसे लोग हैं जो बिना मतलब आपको फोन करके आमंत्रित करते हैं। आज यहां चलें, आज वहां चलें, कुछ ऐसा करें। लेकिन अंत में कुछ भी अच्छा ना होने की जगह पर केवल समय ही बर्बाद होता है। इससे अच्छा तो हम अपना समय किसी अच्छी जगह लगाएं।
ख्वाहिशें, सपने और कुछ कर दिखाने की चाहत ही एक इंसान को सफल बनाती है। और जिसमें यह गुण नहीं, वे सफल नहीं हो सकते। ऐसे लोग बस एक रूटीन में काम करते हैं, लेकिन ज़िंदगी को लेकर इनकी कोई दूरदर्शिता नहीं होती।
सुबह उठना, तैयार होकर खाना खाकर काम पर जाना। शाम होने तक काम खत्म करके घर वापस लौट आना और फिर खाना खाकर सो जाना। अगले दिन वही काम दोहराना, ऐसी लाइफ का क्या मतलब?
मज़ा तो तब है जब रोज़ाना कुछ नया किया जाए, कुछ एक काम ऐसा करें जो हमें हमारे सपने की ओर ले जाए। जो हमें यह दिलासा देता रहे कि सफलता बस कुछ ही कदमों की दूरी पर है। फिर ज़िंदगी ‘ज़िंदगी’ लगने लगती है जनाब!
लेकिन सच बात यह भी है कि जो लोग खुद अपने लिए सपने नहीं पालते, वे दूसरों के सपनों में भी विश्वास नहीं करते। वे आपको भी सपनों की दुनिया से बाहर आने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। इसलिए ऐसे लोगों की बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर कर देना ही ठीक रहता है।
मज़ा तो तब है जब रोज़ाना कुछ नया किया जाए, कुछ एक काम ऐसा करें जो हमें हमारे सपने की ओर ले जाए। जो हमें यह दिलासा देता रहे कि सफलता बस कुछ ही कदमों की दूरी पर है। फिर ज़िंदगी ‘ज़िंदगी’ लगने लगती है जनाब!
लेकिन सच बात यह भी है कि जो लोग खुद अपने लिए सपने नहीं पालते, वे दूसरों के सपनों में भी विश्वास नहीं करते। वे आपको भी सपनों की दुनिया से बाहर आने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। इसलिए ऐसे लोगों की बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर कर देना ही ठीक रहता है।
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